Thursday 26 December 2013

क्षत्रिय वो है जो क्षात्र धर्म को आज तक भूला नहिँ है॥

गैरो की गूलामी को आज तक जिसने कबूला नहीँ है॥



जिसकी रगो मे राम का खून आज भी जिन्दा हो॥


भारत माता के अपमान पे जो आज भी शर्मिन्दा हो॥



जोहर की ज्वाला आज भी उसके सीने मे धधकती हो॥


शौर्य और वीरता की खुशबु आज भी उसकी आँखो मे महकती हो॥



शत्रू की ललकार सुन के जिसके सीने मे बिजलियाँ कङकती हो॥


तलवार को देख के आज भी उसकी भूजायेँ फङकती हो॥



चरीत्र उसका हिमालय जितना विशाल हो॥


आदर्श मे पुरी दुनीयाँ के लिये मिशाल हो॥



पाप और अधर्म को जो सह नहीँ सकता॥


हरिश्चन्द्र का वँशज है क्षत्रिय असत्य बोल कह नही सकता॥



दानवीर एसा की निज प्राणो के दान से भी पिछे नहिँ हटेगा॥


शरणागत की रक्षा मे शरणागत से पहले खुद कटेगा॥



हरिनारायण क्षत्रिय धर्म पे चलने वाला कभी झुक नहीँ सकता ॥


हजारो आँधिया आ जाये सच्चा क्षत्रिय कभी रुक नहीँ सकता ॥







जय क्षात्र धर्म॥


जय क्षत्रिय॥

Monday 23 December 2013

#लड़का हैंडसम होना चाहिए, ‘स्मार्ट’ तो फोन
भी होते हैं।
#फोन तो आईफोन होना चाहिए, ‘S1, S2...S4’
तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं।
#इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए, ‘छोटा’ तो भीम
भी है।
#व्यक्ति को समझदार होना चाहिए, ‘सेंसटिव’
तो टूथपेस्ट भी है।
#टीचर ज्यादा नंबर देने वाला होना चाहिए, ‘अंडा’
तो मुर्गी भी देती है।
#युवा राष्ट्रवादी होना चाहिए, ‘कूल’ तो नवरत्न तेल
भी है।
#विकास गुजरात जैसा होना चाहिए, ‘निर्माण’
तो शौचालय का भी होता है।
#राष्ट्रपति कलाम होना चाहिए, ‘मुखर्जी’
तो रानी भी है।
#कैप्टन दादा जैसा होना चाहिए, ‘एमएस’ तो ऑफिस
भी है।
#बाथरुम में हेयर ड्रायर होना चाहिए, ‘टॉवल’
तो श्रीसंत के पास भी है।
#लड़की में अक्ल होनी चाहिए, ‘सूरत’ तो गुजरात में
भी है।
#मोबाइल जनरल मोड पर होना चाहिए, ‘साइलेंट’
तो मनमोहन भी हैं।
#सेब मीठा होना चाहिए, ‘लाल’ तो आडवाणी भी हैं।
#लड़का द्रविड जैसा होना चाहिए, ‘राहुल’
तो गांधी भी है।
#घूमना तो हिल स्टेशन पर चाहिए, ‘गोवा’ तो पान
मसाला भी है।
#कसाब को गोली मारनी चाहिए, ‘हैंग’ तो फोन
भी होता है।
#दवाई ठीक करने के लिए होना चाहिए, ‘टेबलेट’
तो सैमसंग का भी है।
#रिप्लाय ढंग का होना चाहिए, ‘हम्म’ को भैंस
भी करती है।

धिन है वो माता जिसने राणा जेसे शेर को दुध पिलाया था।

            काट काट दूश्मन को जिसने क्षात्र धर्म को बचाया था।

धिन है हल्दीघाटी की वो माटी जिसका तिलक राणा ने लगाया था।


    धिन है राणा की वो छाती जिसने बेरी से मिले भाई को गले लगाया था।



धिन है चितौङ का वो गढ जँहा राणा ने केशरीया लहराया था।


        धिन धिन है वो चेतक जिसपे चढ के राणा ने घमासान मचाया था।

धिन है राणा का वो भाला जिसै राणा ने रण मे सम्भाला था।


                   धिन है वो तलवार जिसको राणा ने म्यान से निकाला था।



राणा की पाग की महीमा मे कर नहि सकता ।


      ईतनी ऊँची शान है उस पाग की मेरे शब्दो से मे भर नही सकता।

उस पाग की महीमा मे क्या करु,जिसे झुकाने को अकबर सारे जतन कर 


गया।

          झुका तो वो नही सका, पर ईसे वो अकबर नमन कर गया। 


धिन धिन है भारत की ये भुमी जँहा राणा ने अवतार लिया।


नारायण नमन करे राणा को,जिसने क्षात्र धर्म का जयकार किया। 




॥जय क्षात्र धर्म॥

Sunday 15 December 2013

                                                            

                                                               "इतिहास ना बदल जाए" 

आज फिर सिंटू बन्ना के शब्द अपनों को दर्द न दे जाए,
आज फिर कहीं लिखते- लिखते रोना न आ जाए ।
जरा वक्त निकाल सोचो कहाँ थे हम और अब कहाँ आ गये है,
डर रहा हूँ यह सोच कर की कहीं अस्तित्व हमारा भी खो न जाए ।।

कुछ चन्द लोगों को मान लिया समाज का ठेकेदार हमने ,
कहीं उन ठेकेदारों के हाथों समाज नीलाम न हो जाए।
नही लेता इन अपनों के नाम सरेआम इस डर से ,
की कही नाम उनका बदनाम ना हो जाए ।।

कई दशक हो गये सहन करते हुए अब तो उठो ,
कही अत्याचार सहना हमारा स्वभाव न बन जाए।
कर रहा हूँ कोशिश अपना अतीत वापस लाने की ,
कहीं इस कोशिस मे नाम मेरा विरोधियों मे ना जुड़ जाए ।।

सर कटाये है क्षत्रियों ने जोहर किये है क्षत्राणीयों ने,अब तो उठो ,
कही लोगों को खून की पवित्रता पर शक होने ना लग जाए ।
मर गये अपने पूर्वज क्षत्रियता निभाते निभाते ,
कोशिश करो उनके प्रयास कागजों मे सिमट कर ना रह जाए ।।

मांगता हूँ दुआ जब भी देखता हूँ वर्त्तमान स्थिति को ,
की कहीं शुद्र सा हमारा भविष्य ना हो जाए ।
कर रहा हूँ इंतजार अपनों के बदलने का,
कही इस इंतजार मे जिंदगी तमाम ना हो जाए ।।

डर रहा हूँ वर्तमान चाल चलन को देख कर ।
की कही संस्कृति हमारी भी लुप्त ना हो जाए ।
चिन्तित होता हूँ जब भी सोचता हूँ अकेले में ,
की कही भविष्य मे हम फिर से गुलाम ना हो जाए ।।

यह लोकतन्त्र है यहाँ सरकारे बदलेंगी तख्त बदलेंगे ,
हम भी कही इन लोकतान्त्रिक पार्टियों के दास ना बन जाएँ ,
सत्ता मे बने रहना है तो अपनी एकता की ताकत दिखाओ ।
वरना कहीं जोधा-अकबर की तरह संपूर्ण इतिहास ना बदल जाए ।।